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Showing posts from 2010

मुझे तो आदत है

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SONU PANDIT मुझे तो आदत है आपको याद करने की, अगर हिचकी आए तो माफ़ करना....... ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है कभी दूर तो कभी क़रीब होते है दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है ....... एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर, हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर, मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना, हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर मोहब्बत का इरादा अब बदल जाना भी मुश्किल है, तुझे खोना भी मुश्किल है, तुझे पाना भी मुश्किल है. जरा सी बात पर आंखें भिगो के बैठ जाते हो, तुझे अब अपने दिल का हाल बताना भी मुश्किल है, उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकिन, तेरी खातिर सितारेतोड़ कर लाना भी मुश्किल है, यहाँ लोगों ने खुद पे परदे इतने डाल रखे हैं, किस के दिल में क्या है नज़र आना भी मुश्किल है, तुझे ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली, पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्किल है

चप्पल की तलाश

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SONU PANDIT कब पूरी होगी इनकी  आरामदायक चप्पल की खोज  बरसों गुजर गये. हजारों बार लड़कियों  को चप्पलों की दुकान पर सिर्फ इसलिए जाते देखा है कि उन्हें  एक कमफर्टेबल चप्पल चाहिये रोजमर्रा के काम पर जाने के लिए! हर बार चप्पल खरीदी भी गई किन्तु उन्हें  कभी  कमफर्टेबल वाली को छोड़ बाकी कोई सी ले ली क्योकि  वह कमफर्टेबल वाली मिली ही नहीं!  अब तक जिस  दुकान  पर गयी थी  वहां दूसरी फेशनेबल वाली दिख गई नीली साड़ी के साथ मैच वाली तो कैसे छोड़ दें?  कितना ढ़ूँढा था इसे और आज जाकर दिखी   तो छोड़ने का तो सवाल ही नहीं उठता ! हर बार कोई ऐसी चप्पल उसे जरुर मिल जाती है जिसे उसने कितना ढूंढा था लेकिन अब जाकर मिली. सब मिली लेकिन एक आरामदायक चप्पल की शाश्वत खोज जारी है. उसे न मिलना था और न मिली. सोचता हूँ अगर उसे कभी वो चप्पल मिल जाये तो एक दर्जन दिलवा दूँगा . जिन्दगी भर का झंझट हटे. लड़कियों की   इसी आदत के चलते यदि मैं अपनी बहन और भाभी के साथ बाज़ार जाता हू तो वहां चप्पल की दुकान दिखते ही मेरी हृदय की गति बढ़ जाती है. कोशिश करता हूँ कि दोनों को किसी और बात में फांसे दुकान से आगे निकल जायें और उस

बस एक तमन्ना

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SONU PANDIT   अगले जनम मोहे कुत्ता कीजो  कुत्ता पूरी पृथ्वी का प्रिय जानवर है , हर घर में एक पिल्ला जो देशी या विदेशी कैसा भी हो , पतली  चेन से बंधा मिल जाता है , दरवाजे के बाहर लिखा मिल जाता है , कुत्तों से सावधान !!! अब , उनसे पूछो , कौन से कुत्ते से क्योंकि जो वफादार है ,वह तो काटेगा नहीं , सिर्फ भौंक कर हमें आगाह करेगा , लेकिन दूसरा अदृश्य कुत्ता बिना भौंके उधेड़ डालेगा . सड़कों पर , गलियों में , पार्कों में कहीं पर भी देख लो , इन कुत्तों के साथ एक आदमी बंधा हुआ घूमता मिल जायेगा ! मुझे कुत्तों से कोई दुश्मनी नहीं है , न ही कभी , उनसे आँखें तरेरी हैं , बल्कि लाड -प्यार जो नि: शब्द हो , निशभाव  हो ,मुझे नहीं भाता. जानवर का क्या भरोसा , अभी पूँछ  हिला कर स्वागत कर रहा है , कब टांग में दांत गडा दे , कहा नहीं जा सकता . यह तो , हमारे भय और संदेह कि बात थी , कुत्तों की महिमा अगर सुननी है ; तो  ऐसे घर में चले जाओ , जिसकी मालकिन कुत्ता संभालती हो . बस , कुत्ता कांड शुरू होकर उसके अध्याय चालू हो जाते हैं , आप जिस उद्देश्य को लेकर घर में घुसे हो , वह तो बाहर ही नदारत हो जाता है . आप भागने

फुटबॉल पर ज्यादा सट्टा, मानसून पर कम

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फुटबॉल पर ज्यादा सट्टा, मानसून पर कम Avinash Rawat First Published 12:00[IST](11/06/2010) Last Updated 1:10 PM [IST](11/06/2010) इंदौर. वर्ल्डकप फुटबॉल और मानसून के आने का समय लगभग एक है। सट्टा बाजार से जुड़े जानकार कहते हैं सट्टा फुटबॉल पर ज्यादा, मानसून पर कम लग रहा है। ऐसा क्यों, पूछने पर वह बताते हैं ‘मानसून तो हर साल आता है।’ इस बार मुंबई में पुलिस के सक्रिय होने से वहां के सटोरिए अन्य शहरों से अपना नेटवर्क चला रहे हैं।पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज सटोरियों पर नजर रखी जा रही है, साथ ही उनके कॉल डिटेल और कॉल रिकॉर्ड भी चेक किए जा रहे हैं। इसलिए वर्ल्डकप में बुकिंग के लिए नए लोगों का नेटवर्क बनाया गया है जो पुलिस की नजर में न हो। इतना ही नहीं, एहतियात के तौर पर लेन-देन का काम राजस्थान से किया जा रहा है। इंदौर के एक सटोरिए ने बताया-आईपीएल के दौरान जो लोग पकड़े गए थे उन पर क्राइम ब्रांच की नजर है और कुछ लोगों की कॉल डिटेल भी ली जा रही है।

भोपाल गैस कांडः जांबाज मांग रहा न्याय

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भोपाल गैस कांडः जांबाज मांग रहा न्याय अविनाश रावत First Published 11:00[IST](13/06/2010) Last Updated 12:19 PM [IST](13/06/2010) इंदौर. उस भयावह मंजर को याद करते हुए रामसिंह बताते हैं शरीर को कंपा देने वाली उस सर्द रात को मैं अपने चार-पांच जवानों और ड्राइवर अर्जुन सिंह के साथ यूनियन कार्बाइड के पास ही बसे रासली गांव से रात्रिगश्त कर लौट रहा था। हमारी गाड़ी ने फैक्ट्री के पास रेलवे क्रॉसिंग पार किया ही था कि चीखते-तड़पते लोग दिखाई दिए। मैं माजरा समझने के लिए गाड़ी से उतरा ही था कि कुछ महिलाओं ने अपने बच्चों को गाड़ी में डाल दिया और अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई। जब तक मैं स्थिति को समझता मेरी भी आंखों और सीने में जलन होने लगी। फिर कुछ लोगों ने बताया कि यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकल रही गैस के कारण ऐसा हो रहा है। मैंने अपने आप को संभाला और दर्द से कराहते बच्चों और अन्य लोगों को सीधे अस्पताल ले गया। इसी दौरान जैसे-तैसे तत्कालीन एस.प

News Link of avinash rawat

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भोपाल गैस कांड बस एक चाहत http://10.51.3.8/dainikepaper/ epaperpdf/13062010/12ids-pg1- 0.pdf http://10.51.3.8/dainikepaper/ epaperpdf/13062010/12ids-pg2- 0.pdf फुटबॉल पर ज्यादा सट्टा, मानसून पर कम http://www.bhaskar.com/ article/MP-IND-satta-market- over-football-world-cup- 1049552.html अपना घर छोड़कर ढूंढ़ रहे किराए का मकान http://www.bhaskar.com/ article/MP-IND-rain-water- creating-trouble-for-denizens- in-indore-1049565.html हजारों के साथ बीमा ठगी http://10.51.3.8/dainikepaper/ epaperpdf/05062010/4ids-pg1-0. pdf http://10.51.3.8/dainikepaper/ epaperpdf/05062010/4ids-pg3-0. pdf 25 हज़ार में हाईकोर्ट में नौकरी http://10.51.3.8/dainikepaper/ epaperpdf/03062010/2ids-pg3-0. pdf करोड़ का कबाड़ा http://www.bhaskar.com/ article/MP-IND-testing-mobile- machine-kits-are-turning-into- junk-1001018.html http://10.51.3.8/dainikepaper/ epaperpdf/25052010/24ids-pg1- 0.pdf http://10.51.3.8/dainikepaper/ epaperpdf/25052010/24ids-pg2- 0.pdf ट्रस्टी ने बंद किया मंदिर http://www.bhaskar.com/ ar

कोशिश करने वालो की हार नहीं होती

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हर इन्सान के अन्दर एक बहुत प्यारा सा, बच्चा छिपा होता है, जीवन की व्यस्तताएं तथा जिम्मेवारियों के कारण हम उस बच्चे को हंसने से रोकते रहतें हैं . "कोई क्या कहेगा" के भय से वह बच्चा कभी सब के सम्मुख नहीं आ पाता और हम बड़प्पन का लबादा ओढे रह कर, हँसना लगभग भूल जाते हैं ! बड़प्पन की इस बेवकूफी से निकलने का प्रयास करने वाले ही सही मायनो मै जिंदगी को जीते है ! सोनू पंडित

युवा है हम

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हम युवा है! उलटा करोगे तो वायु हो जायेगा, वायु मतलब हवा ! हवा थमकर चले तो बेहतर, बिगड़ जाये तो सब तहस नहस कर देती है !

Engineers make the World

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Engineers make the World -- AVINASH RAWAT DB STAR

गर्लफ्रेंड

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गर्लफ्रेंड आज हम एक अजीबो गरीब प्राणी के बारे में पढायेंगे . . . . . . . . इस जंतु का नाम है "GirlFriend" . . . . . . ये अक्सर "Boyfriend" के साथ पाई जाती है ! इनका पोस्टिक आहार "Boyfriend" का भेजा होता है ! इनको अक्सर नाराज होने का नाटक करते हुए देखा जा सकता है ! पर अगर पैसे खर्च किये जाये तो फिर नाटक ख़त्म हो जाता है ... इस प्राणी का सबसे खतरनाक हथियार रोना और इमोशनली ब्लैक मेल करना होता है ! गर्ल फ्रेंड से ब्रेक अप पर टेंशन नाम की बीमारी हो जाती है , जिसका कोई इलाज नहीं .. ये ही एक ऐसा प्राणी है जिसपे कोई विस्वास नहीं करता है ... गर्ल फ्रेंड के लिए बॉय फ्रेंड कुछ भी कर सकता है , यहाँ तक की हस्ते हस्ते कुत्ता भी बनता है ... इस प्राणी में बहुत सारे अवगुण हैं फिर भी ये प्राणी इतनी आसानी से नहीं मिलता है , ये प्राणी भाव बहुत खाता है , पर इस प्राणी के पास होता कुछ भी नहीं है जो वास्तविक हो जिसपे भाव खाया

क्रेज ऑफ़ इंग्लिश विथ हिंदी

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यदि किसी के मन में सचमुच ग्लोबल सिटिजन बनने की लालसा हो तो उसका काम अंग्रेजी के बिना नहीं चल सकता। अंग्रेजी भविष्य का उपकरण है- फ्यूचर टूल। भाषाओं के बारे में किए गए एक मोटे सर्वे से यही नतीजा निकलता है। दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है चीन की मंदारिन। लगभग 84 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनकी यह प्राथमिक भाषा है। दूसरे देशों में मातृभाषा को प्राथमिक भाषा (प्राइमरी लैंग्वेज) कहते हैं। यदि इनमें उन लोगों को भी शामिल कर लें जो इसे बोल और समझ सकते हैं, लेकिन जिनके लिए यह सेकंडरी लैंग्वेज है तो मंदारिन भाषियों की संख्या एक अरब से भी ज्यादा हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र में भी यह मान्यता प्राप्त छह भाषाओं में से एक है। लेकिन इसका भौगोलिक विस्तार कम है। यह सिर्फ चीन के एक बड़े हिस्से में बोली जाती है। इसके अलावा तिब्बत, ताइवान, सिंगापुर और ब्रुनेई में भी इसका कुछ-कुछ चलन है। बोलने वालों के लिहाज से स्पैनिश का नंबर दूसरा है, लेकिन इसका भौगोलिक विस्तार मंदारिन से कहीं ज्यादा है। स्पेन के अलावा यह ब्राजील, चिली, इक्वाडोर, कोस्टारिका, डोमनिकन रिपब्लिक, निकारागुआ, पराग, होंडुरास, गुयाना, ग्वाटामा

फास्टेस्ट कंप्यूटर ऑफ़ दी वर्ल्ड

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दुनिया के सबs ���������87 तेज कंप्यूटर कंप्यूटर (Computer) तो आप सभी प्रयोग करते हैं, हाँ पर ये जरूर हो सकता है कि शायद आपको उसका हिंदी नाम ही ना पता रहा हो। तो ठीक है अगर आप नहीं जानते हैं तो जान लीजिए कि कंप्यूटर (computer ) को हिन्दी में संगणक कहते हैं। तो फिर सुपर कंप्यूटर को हिन्दी में क्या कहेंगे? उसे कहेंगे उन्नत संगणक। तो अब हम आपको बताते हैं विश्व के सबसे तेज 10 उन्नत संगणको क्र बारे में.... पर रुकिए पहले ये तो जान लीजिये की संगणकों की गति का पैमाना क्या है अर्थात कैसे पता चलेगा की कौन सा संगणक कितना तेज है। संगणको की गति की गणना की जाती है फ्लोप्स में जो की एक पारिभाषिक शब्द है जिसका अर्थ है एक बीज गणितीय गणना प्रति सेकेंड। 1 किलो फ्लोप्स =10 3 फ्लोप्स 1 मेगा फ्लोप्स =10 6 फ्लोप्स 1 गीगा फ्लोप्स =10 9 फ्लोप्स 1 टेरा फ्लोप्स =10 12 फ्लोप्स 1 पीटा फ्लोप्स =10 15 फ्लोप्स 1 एक्सा फ्लोप्स =10 18 फ्लोप्स 1 जीटा फ्लोप्स =10 21 फ्लोप्स 1 योट्टा फ्लोप्स =10 24 फ्लोप्सतो अब खुद ही देख लीजिये कौन सा संगणक तेज है और कौन धीमा। 01. जुगुअर विश्व का सबसे तेज उन्नत संगणक जुगुअर है जिसको Cra

कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर

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-बढ़ते प्रदूषण की वजह से इंसानों का जीवन तो मुश्किल होता ही जा रहा है, साथ में दूसरे जीवों के लिए भी खुद को बचाए रख पाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। हालत यह है कि दुनिया की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं। भारत की भी कई प्रजातियां विलुप्त होने के मुहाने पर खड़ी हैं। वैश्विक स्तर पर इंटरनेशनल यूनियन फार कजर्वेशन आफ नेचर नाम की एक संस्था पर्यावरण से जुड़े विभिन्न मसलों पर काम करती है। इस संस्था से जारी रपट में दुनिया की वैसी प्रजातियो के बारे में बताया गया है जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। इस रपट में यह बताया गया है कि भारत की 687 प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे को झेल रही हैं। इनमें विभिन्न जानवरों और पौधें की प्रजातियां हैं। बताते चलें कि 2008 में यह संख्या 659 थी। यानी एक साल के दौरान खतरे के दायरे में आने वाली प्रजातियों की संख्या में 28 का इजाफा हुआ है। भारत में विलुप्त होने के कगार पर खड़ी प्रजातियों में जानवरों की 96 प्रजातियां हैं। वहीं ऐसे पक्षियों की प्रजातियों की संख्या 67 है। लुप्त होने के खतरे को झेल रही 46 प्रजातियां मछलियों की हैं। इसके अलावा प

घायल उम्मीदें

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यह मेरे कैरियर की पहली खबर थी जो की दैनिक भास्कर इंदौर में १४ अगस्त २००८ को डी बी स्टार की लांचिंग में पहले दिन पहले पन्ने पर छपी थी इस खबर के माध्यम से मैंने प्रदेश भर में खिलाडियों को मामूली चोट लग जाने पर खेल से ही बाहर हो जाने की बात उठाई थी । इस खबर के बाद से इंदौर में एक नई पत्रकारिता की शुरुआत हुई थी । इस खबर के साथ ही मेरे जर्नलिज्म कैरियर की भी शुरुआत हुई थी और इसके बाद मैंने कई ख़बरें की जो बहुत चर्चाओं में रही ।