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Showing posts from January, 2010

क्रेज ऑफ़ इंग्लिश विथ हिंदी

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यदि किसी के मन में सचमुच ग्लोबल सिटिजन बनने की लालसा हो तो उसका काम अंग्रेजी के बिना नहीं चल सकता। अंग्रेजी भविष्य का उपकरण है- फ्यूचर टूल। भाषाओं के बारे में किए गए एक मोटे सर्वे से यही नतीजा निकलता है। दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है चीन की मंदारिन। लगभग 84 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनकी यह प्राथमिक भाषा है। दूसरे देशों में मातृभाषा को प्राथमिक भाषा (प्राइमरी लैंग्वेज) कहते हैं। यदि इनमें उन लोगों को भी शामिल कर लें जो इसे बोल और समझ सकते हैं, लेकिन जिनके लिए यह सेकंडरी लैंग्वेज है तो मंदारिन भाषियों की संख्या एक अरब से भी ज्यादा हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र में भी यह मान्यता प्राप्त छह भाषाओं में से एक है। लेकिन इसका भौगोलिक विस्तार कम है। यह सिर्फ चीन के एक बड़े हिस्से में बोली जाती है। इसके अलावा तिब्बत, ताइवान, सिंगापुर और ब्रुनेई में भी इसका कुछ-कुछ चलन है। बोलने वालों के लिहाज से स्पैनिश का नंबर दूसरा है, लेकिन इसका भौगोलिक विस्तार मंदारिन से कहीं ज्यादा है। स्पेन के अलावा यह ब्राजील, चिली, इक्वाडोर, कोस्टारिका, डोमनिकन रिपब्लिक, निकारागुआ, पराग, होंडुरास, गुयाना, ग्वाटामा

फास्टेस्ट कंप्यूटर ऑफ़ दी वर्ल्ड

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दुनिया के सबs ���������87 तेज कंप्यूटर कंप्यूटर (Computer) तो आप सभी प्रयोग करते हैं, हाँ पर ये जरूर हो सकता है कि शायद आपको उसका हिंदी नाम ही ना पता रहा हो। तो ठीक है अगर आप नहीं जानते हैं तो जान लीजिए कि कंप्यूटर (computer ) को हिन्दी में संगणक कहते हैं। तो फिर सुपर कंप्यूटर को हिन्दी में क्या कहेंगे? उसे कहेंगे उन्नत संगणक। तो अब हम आपको बताते हैं विश्व के सबसे तेज 10 उन्नत संगणको क्र बारे में.... पर रुकिए पहले ये तो जान लीजिये की संगणकों की गति का पैमाना क्या है अर्थात कैसे पता चलेगा की कौन सा संगणक कितना तेज है। संगणको की गति की गणना की जाती है फ्लोप्स में जो की एक पारिभाषिक शब्द है जिसका अर्थ है एक बीज गणितीय गणना प्रति सेकेंड। 1 किलो फ्लोप्स =10 3 फ्लोप्स 1 मेगा फ्लोप्स =10 6 फ्लोप्स 1 गीगा फ्लोप्स =10 9 फ्लोप्स 1 टेरा फ्लोप्स =10 12 फ्लोप्स 1 पीटा फ्लोप्स =10 15 फ्लोप्स 1 एक्सा फ्लोप्स =10 18 फ्लोप्स 1 जीटा फ्लोप्स =10 21 फ्लोप्स 1 योट्टा फ्लोप्स =10 24 फ्लोप्सतो अब खुद ही देख लीजिये कौन सा संगणक तेज है और कौन धीमा। 01. जुगुअर विश्व का सबसे तेज उन्नत संगणक जुगुअर है जिसको Cra

कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर

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-बढ़ते प्रदूषण की वजह से इंसानों का जीवन तो मुश्किल होता ही जा रहा है, साथ में दूसरे जीवों के लिए भी खुद को बचाए रख पाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। हालत यह है कि दुनिया की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं। भारत की भी कई प्रजातियां विलुप्त होने के मुहाने पर खड़ी हैं। वैश्विक स्तर पर इंटरनेशनल यूनियन फार कजर्वेशन आफ नेचर नाम की एक संस्था पर्यावरण से जुड़े विभिन्न मसलों पर काम करती है। इस संस्था से जारी रपट में दुनिया की वैसी प्रजातियो के बारे में बताया गया है जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। इस रपट में यह बताया गया है कि भारत की 687 प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे को झेल रही हैं। इनमें विभिन्न जानवरों और पौधें की प्रजातियां हैं। बताते चलें कि 2008 में यह संख्या 659 थी। यानी एक साल के दौरान खतरे के दायरे में आने वाली प्रजातियों की संख्या में 28 का इजाफा हुआ है। भारत में विलुप्त होने के कगार पर खड़ी प्रजातियों में जानवरों की 96 प्रजातियां हैं। वहीं ऐसे पक्षियों की प्रजातियों की संख्या 67 है। लुप्त होने के खतरे को झेल रही 46 प्रजातियां मछलियों की हैं। इसके अलावा प

घायल उम्मीदें

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यह मेरे कैरियर की पहली खबर थी जो की दैनिक भास्कर इंदौर में १४ अगस्त २००८ को डी बी स्टार की लांचिंग में पहले दिन पहले पन्ने पर छपी थी इस खबर के माध्यम से मैंने प्रदेश भर में खिलाडियों को मामूली चोट लग जाने पर खेल से ही बाहर हो जाने की बात उठाई थी । इस खबर के बाद से इंदौर में एक नई पत्रकारिता की शुरुआत हुई थी । इस खबर के साथ ही मेरे जर्नलिज्म कैरियर की भी शुरुआत हुई थी और इसके बाद मैंने कई ख़बरें की जो बहुत चर्चाओं में रही ।