पितृमुक्ति का पहला द्वार है प्रयागराज
अविनाश रावत प्रयागे माघमासे तु त्र्यहं स्नानस्य यत्फलम्। नाश्वमेधसस्त्रेण तत्फलं लभते भुवि।। " पद्मपुराण ' के इस श्लोक का मतलब है कि इलाहाबाद में माघ मास के समय तीन दिन पर्यन्त संगम स्नान करने से प्राप्त फल पृथ्वी पर एक हज़ार अश्वमेध यज्ञ करने से भी नहीं प्राप्त होता। कुंभ में यहां स्नान करने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। इलाहाबाद। उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे " तीर्थराज ' ( तीर्थों का राजा ) या प्रयागराज भी कहते हैं। हिन्दू मान्यता है कि यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। संगम वह स्थल है जहां भारत की पवित्र नदियों गंगा - यमुना व सरस्वती का संगम होता है। सरस्वती नदीं यहां दिखती नहीं। फिर भी मान्यता है कि वह अदृश्य रूप में है और गंगा व यमुना की धाराओं के नीचे बहती है। इसी वजह से संगम स्थल को त्रिवेणी संगम कहा जाता है। जैसे ग्रहों में सूर्य तथा तारों में चंद्रमा है वैसे ही तीर्थों में संगम को सभी तीर्थों का अध