Posts

Showing posts from April, 2015

भारत दर्शन: मुन्नार (केरल)

Image
अविनाश रावत     मुन्नार केरल का एक प्रमुख पर्वतीय स्थल है। यह इड्डुक्की जिला में आता है। मुन्नार केरल के उन आकर्षणों में से एक है जिसने देश-विदेश के पर्यटकों के बीच केरल को प्रसिद्धि में दिलाई है। जिंदगी की भागदौड़ और प्रदूषण से दूर यह जगह लोगों को अपनी ओर खींचता है।  मुथिरपुझा, नल्लथन्नी और कुंडल इन तीन पर्वतों की श्रृंखला के मिलन स्थल पर स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1600 मीटर है। मुन्नार का हिल स्टेशन किसी जमाने में दक्षिण भारत के पूर्व ब्रिटिश प्रशासन का ग्रीष्मकालीन रिजॉर्ट हुआ करता था। इस हिल स्टेशन की पहचान है यहां के विस्तृत भू-भाग में फैली चाय की खेती, औपनिवेशिक बंगले, छोटी नदियां, झरनें और ठंडे मौसम। ट्रैकिंग और माउंटेन बाइकिंग के लिए यह एक आदर्श स्थल है।  12000 हेक्टेयर में फैले चाय के खूबसूरत बागान यहां की खासियत है। दक्षिण भारत की अधिकतर जायकेदार चाय इन्हीं बागानों से आती हैं। चाय के उत्पादन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए चाय संग्रहालय है जहां इससे संबधित सभी तस्वीरें और सूचनाएं मिलती हैं। इसके अतिरिक्त यहां वन्य जीवन को करीब से देखा जा सकता है। अ

मूर्ख दिवस से जुड़े है कई रोचक तथ्य

Image
1 अप्रैल को दुनियाभर में अप्रैल फ़ूल यानि ‘मूर्ख दिवस’ के तौर पर हंसी-मजाक के साथ एक-दूसरे को मूर्ख बनाते हुए मनाया जाता है। पूरी दुनिया में अप्रैल-फ़ूल का प्रचलन बढ़ गया है। हर कोई एक दिन पहले से ही तैयारी करने लगता है कि किसे-किसे मूर्ख बनाना है, और कैसे बनाना है। लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि मूर्ख दिवस मनाया क्यों जाता है। अपने इस लेख के माध्यम से मैं अप्रैल फूल (मूर्ख दिवस) से जुड़े कुछ तथ्य बता रहा हूं। यह तथ्य मूर्ख बनाने वाले नहीं बल्कि मूर्ख दिवस मनाए जाने से जुड़े हैं और वास्तविक हैं। असल में  ‘ऑल फ़ूल्स डे' के रूप में जाना जाने वाला यह दिन, 1 अप्रैल एक आधिकारिक छुट्टी का दिन नहीं है, लेकिन इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है, जब एक दूसरे के साथ व्यावाहारिक मजाक और सामान्य तौर पर मूर्खतापूर्ण हरकतें की जाती हैं। यह दिन मूर्ख बनकर या मूर्ख बनाकर भी मन को सुख देता है। यही अनूठा भाव ही इसकी लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है। मूर्ख बनने या बनाने का अर्थ ठगने या ठगाने से नहीं है, बल्कि इसका संबंध थोडा-सा सुख और आनंद पाने की उन मानवीय भावनाओ