चार सौ साल से मिनरल वाटर पी रहा है बुरहाानपुर
जमीन से अस्सी फीट नीचे खूनी भंडारे का मुआयना करते हुए यह है खूनी भंडारा। हालांकि इसका संबंध खून से कतई नहीं है। यह है शुद्ध पानी का कभी खत्म न होने वाला भंडार। सतपुड़ा की पहाड़ियों से रिसकर सुरंगों में जमा हुआ पानी भूमिगत कुंडियों के माध्यम से शहर में सप्लाय होता है। यानी नलों की तरह कुंडियां बनी हैं। इस कारण इसका नाम बाद में कुंडी भंडारा हुआ। इसकी आश्चर्यजनक विशेषताओं के कारण यह दुनियाभर के विशेषज्ञों के लिए शोध का विषय रहा है। जमीन से अस्सी फीट नीचे खूनी भंडारे के अंदर चार सौ साल पहले मुगल काल में पानी की यह अद्भुत संरचना बनाई गई थी। आज भी यह न सिर्फ जिंदा है बल्कि मिनरल वाटर से बेहतर गुणवत्ता का पानी बुरहानपुर शहर के एक हिस्से को मिल रहा है। पानी बांटने के लिए शहरभर में छोटी-छोटी कुंडियां बनी हैं इसलिए इसे कुंडी भंडारा भी कहा जाता है। इसका पानी नामी कंपनियों के मिनरल वाटर से भी शुद्ध है। यह कई संस्था और शोध से स्पष्ट हो चुका है। मिनरल वाटर का औसत पीएच 7.8 से 8.2 होता है, जबकि यहां के पानी का 7.2 से 7.5 है। अकबर के शासनकाल में बुरहानपुर के सूबेदार अब्दुल रहीम खानखाना थे। उ