कोशिश करने वालो की हार नहीं होती






हर इन्सान के अन्दर एक बहुत प्यारा सा, बच्चा छिपा होता है, जीवन की व्यस्तताएं तथा जिम्मेवारियों के कारण हम उस बच्चे को हंसने से रोकते रहतें हैं . "कोई क्या कहेगा" के भय से वह बच्चा कभी सब के सम्मुख नहीं आ पाता और हम बड़प्पन का लबादा ओढे रह कर, हँसना लगभग भूल जाते हैं ! बड़प्पन की इस बेवकूफी से निकलने का प्रयास करने वाले ही सही मायनो मै जिंदगी को जीते है !

सोनू पंडित

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