ओपिनियन पोल के 90% दावे गलत, न करें इनके हो हल्ला पर भरोसा
ओपिनियन पोल उस ठग ज्योतिष की तरह है जिसे उचित दक्षिणा मिले तो किन्नर को भी पुत्र प्राप्ति का योग बता देगा। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि चुनाव-दर-चुनाव गलत साबित हो चुके ओपिनियन पोल के नतीजे ही पूरी कहानी बयां कर रहे हैं। ओपिनियन पोल्स के फर्जी साबित होने की कहानियां यूपी से लेकर बंगाल, पुडुचेरी, बिहार तक बिखरी पड़ी हैं। गौर से देखें तो पता चलेगा कि 90 फीसदी मामलों में उल्टे निकले। इसी तरह को पोल करने वाली कंपनियों ने बंगाल में बीजेपी को 135 से 183 सीटें दी थीं। नतीजा आया तो सिर्फ 77 सीट मिली। बिहार में 2015 और 2020 में तमाम दावे गलत निकले। 2015 में लालू-नीतीश की पार्टी की सीटों पर बीजेपी की बढ़त बताई। नतीजा आया तो RJD-JDU को 178 और बीजेपी सिर्फ 58 सीटें ही मिलीं। 2020 में तो ब्लंडर हो गया। बताया कि आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन 161 सीट पर जीत रही है। जश्न शुरू हो गया, नतीजा आया तो 110 पर ही गठबंधन सरेंडर हो गया। चुनावी सीजन में रिपब्लिक भारत और ABP-C वोटर हर महीने ओपिनियन पोल कर रहे हैं। हर बार एक ही कहानी, BJP यूपी जीत रही है। फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर इसका इतना प्रचार हो रहा है, लगता ह