महाकाल की धरती से आया था आजादी का मुहुर्त

अविनाश रावत.
15 अगस्त 1947 को देश की आजादी का निर्णय बाकायदा मुहुर्त देखकर हुआ था। महाकाल की नगरी उज्जैन से आया था यह खास मुहुर्त। यहां के प्रकांड ज्योतिषी पंडित सुर्यनारायण व्यास से मुहुर्त निकालने के लिए डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था। आजादी के लिए मध्यरात्रि रात 12 बजे स्थिर लग्न का मुहुर्त सही माना गया
ताकि देश का लोकतंत्र भविष्य में स्थिर रहे।
दूरदर्शन का एडीशनल डायरेक्टर जनरल राजशेखर व्यास की लिखि दो किताबें पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौकों पर खबर लिखने के दौरान कई बार उनसे फोन पर बात भी हुई। श्री राजशेखर व्यास उज्जैन के महान ज्योतिषी पंडित सूर्यनारायण व्यास के पुत्र हैं। पंडित सूर्यनारायण व्यास वही हैं जिन्होंने देश की आजादी का मुहुर्त तय किया था। 
दुनिया भर के संप्रभु देशों के संविधान में हमारे देश के संविधान को एक विशेष दर्जा प्राप्त है। इसका कारण बेहद साफ और स्पष्ट है, यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 22 भागों में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूची और 118 संविधान संशोधन शामिल हैं। हमारे संविधान के निर्माण में 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा। डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता कहलाने का गौरव प्राप्त है। वे संविधान बनाने वाली प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे जिसमें कुल 7 सदस्य थे। भारत के संविधान के बारे में आपने यह जानकारियां पहले भी पढ़ी होंगी, लेकिन यहां हम आपसे एक ऐसी रोचक जानकारी साझा कर रहे हैं, जिसके बारे में आपको शायद ही मालूम होगा। देश में गणतंत्र स्थिर रहे इसलिए उज्जैन के ज्योतिष सूर्यनारायण व्यास ने पंचांग देखकर आजादी का मुहूर्त निकाला था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आग्रह पर उन्होंने बताया कि अगर आजादी 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि 12 बजे ली गई तो हमारा गणतंत्र अमर रहेगा।
1947 में जब यह तय हो गया कि अंग्रेज भारत छोडऩे के लिए तैयार हैं, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गोस्वामी गणेशदत्त महाराज के माध्यम से उज्जैन के पंडित सूर्यनारायण व्यास
को बुलावा भेजा। पंडित व्यास ने पंचांग देखकर बताया कि आजादी के लिए सिर्फ दो ही दिन शुभ हैं। 14 और 15 अगस्त। इसमें एक दिन पाकिस्तान को आजाद घोषित किया जा सकता है और एक दिन भारत को।
उन्होंने डॉ. प्रसाद को भारत की आजादी के लिए मध्यरात्रि 12 बजे यानी स्थिर लग्न नक्षत्र का समय सुझाया। ताकि देश में लोकतंत्र स्थिर रहे। इतना ही नहीं पंडित व्यास के कहने पर आजादी के बाद देर रात संसद को धोया भी गया था। क्योंकि ब्रिटिश शासकों के बाद अब यहां भारतीय बैठने वाले थे। धोने के बाद उनके बताए मुहूर्त पर गोस्वामी गिरधारीलाल ने संसद की शुद्धि करवाई थी।
कहा था 1990 के बाद देश करेगा तरक्की आजादी के समय उन्होंने संकेत दे दिए थे कि 1990 के बाद से देश की तरक्की होगी और 2020 तक भारत विश्व का सिरमौर बन जाएगा। इसके बाद से चाहे शनि की दशा में देश को आजादी मिली, देश के टुकड़े हो गए, केतु की महादशा में देश भुखमरी और तंगहाली से गुजरा। मगर 1990 में शुक्र की महादशा शुरू होने के बाद देश की तरक्की भी शुरू हो गई।
पंडित जी के जीवन पर किताब पंडित सूर्यनारायण व्यास के पुत्र राजशेखर ने उनके जीवन और उनकी भविष्यवाणियों पर एक किताब लिखी है। 'याद आते हैं शीर्षक वाली इस किताब के 34 वें 'अध्याय ज्योतिष जगत के सूर्य (पृष्ठ क्रमांक 197 और 198) में आजादी के दिन के मुहूर्त का उल्लेख किया गया है। दूरदर्शन के उपमहानिदेशक राजशेखर ने इस अध्याय में अपने पिता की अन्य भविष्यवाणियों का भी जिक्र किया है। सांदीपनी ऋषि के वंशज महान ज्योतिषाचार्य, लेखक, पत्रकार, पंडित सूर्यनारायण व्यास थे। उनका जन्म 2 मार्च 1902 को हुआ था।
भविष्यवाणियां जो सच निकली लालबहादुर शास्त्री के ताशकंद जाने से पहले सूर्यनारायण ब्यास ने एक लेख में इस बात का उल्लेख कर दिया था कि वे जीवित नहीं लौटेंगे। उन तक यह खबर पहुंची भी लेकिन उन्होंने इसे हंसकर टाल दिया। बाद में भविष्यवाणी सच साबित हुई। 7 दिसंबर 1950 को एक अखबार में उन्होंने लिखा कि उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्वास्थ्य अत्यंत चिंताजनक हो सकता है। 17 दिसंबर तक उनके लिए कठिन समय रहेगा। आखिर 16 दिसंबर की अर्ध रात्रि को सरदार पटेल दिवंगत हो गए।
इससे पहले 1932 में उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में भूकंप पर एक लेख लिखा था। फिर एक पत्र लिखकर आने वाले 300 भूकंपों की सूची प्रकाशित करवा दी। समय के साथ-साथ ये भी सही साबित होती जा रही है। यह पत्र और अखबार सुरक्षित हैं। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद और महात्मा गांधी के बारे में भी कई सटीक भविष्यवाणियां काफी पहले ही कर दी थीं।


Comments

Popular posts from this blog

बिस्किट, चिप्स और चॉकलेट में एनीमल फेट

मर्यादा पुरूषोत्तम राम की वह विस्मृत बहन !

कल्पनाओं को मूर्त रूप देता है कल्पवृक्ष