विकृत मानसिकता और दिल दहलाती घटनाएं

अविनाश रावत
    महाभारत में द्रौपदी ने अपने चीर हरण के वक्त भगवान कृष्ण को पुकारकर अपनी लज्जा बचा ली थी, लेकिन कलयुग में नारी की लज्जा रोज तार-तार हो रही है, बल्कि उसके साथ इससे भी भयानक कृत्य किए जा रहे हैं। विकृत मानसिकता के चलते देशभर के कई शहरों में लोग बलात्कार से भी कहीं ज्यादा दिल दहला देने वाली घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। दिसंबर 2013 में दिल्ली गैंगरेप मामले के बाद और उससे पहले की ऐसी कई घटनाएं हैं जिनसे ये सामने आया है कि अब रेप, गैंग रेप से बढ़कर अपराधी विकृत मानसिकता के चलते इससे भी भयावय घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। दिल्ली में मासू के साथ हुई घटना भई इसका एक बड़ा उदाहरण है। मनोचिकित्सक इस तरह के मामलों को विकृत मानसिकता बताते हैं। अपराधशास्त्रियों का कहना है कि कमजरो मानसिकता के साथ ही यह एलीमेंट ऑफ सेडिज्म, एलीमेंट ऑफ डिप्राइवेशन, एलीमेंट ऑफ फ्रस्टेशन की वजह से होता है। इस तरह के लोग वियांड द लाइन काम करना चाहते हैं। वहीं समाजशास्त्रियों का मानना है कि इस तरह की विकृत मानसिकता रखने वाले लोग समाज में रहने के लायक नहीं हैं।
    जुलाई 2012 में छत्तीसगढ़ पुलिस की बर्बरता का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला। 35 साल की एक आदिवासी महिला ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर बताया कि उसके साथ किस तरह से ज्यादतियां की जा रही हैं. राजनीतिक रूप से एक पढ़े लिखे परिवार से ताल्लुक रखने वाली और अपने अधिकारों के लिए सक्रिय मानी जाने वाली पेशे से एक चीजर और तीन बच्चों की मां सोनी सोरी को 9 सितंबर 2011 को पालनार (रायुपर) बाजार में एक कंपनी के एजेंट से पैसे लेने का इल्जाम लगाते हुए पहली बार गिरफ्तार किया गया। यहां से छूटने के बाद उसे नक्शलियों की मददगार बताकर पुलिस ने फिर से गिरफ्तार किया. दिन-रात सोनी सोरी को बिजली के झटके दिए, नग्न कर उत्पीडन किया गया और उसके गुप्तांगों में पत्थर के टुकड़े डाल दिए गए। विश्व महिला दिवस 8 मार्च के मौके पर इस आदिवासी महिला के लिए इंटरनेट के जरिए देशभर में एक बड़ा अभियान चलाया गया। फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी सोनी की रिहाई को लेकर कोशिशें की गई। इस अभियान के तहत लाखों लोगो सोनी सोरी को न्याय दिलाने के लिए उठ खड़े हुए।
    5 मार्च 2013 के दिन इंदौर के बर्फानीधाम के पास दोपहर की चिलचिलाती धूप में तराना निवासी शाहिद नाम का एक युवक नग्न अवस्था में रास्ते से गुजरा। युवक को जिसने भी देखा बस देखता ही रह गया। कुछ देर तक रास्ते में घूमते रहने के बाद वह एक हेयर सेलून में घुस गया। दुकान में मालिक सहित कुछ लोग बैठे हुए थे। युवक ने घुसते ही दुकाने संचालक से उस्तरा छीन लिया और अपने प्राइवेट पार्ट को काटकर नीचे फेंक दिया। युवक के इस तरह प्राइवेट पार्ट को काटकर फेंकने का खौफनाक मंजर देख लोगों ने आंके बंद कर ली। कुछ देर में खून की धार लग गई। प्राइवेट पार्ट काटने के कुछ देर बाद वह दर्द से तड़प उठा और चीखता हुआ दुकान से बाहर निकला। कुछ दूर बागने के बाद वह सड़क पर गिर पड़ा। वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना 108 पर देकर एंबुलेंस बुलाई और उसे अस्पताल पहुंचाया। जब डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ उसका इलाज कर रहे थे इसी बीच शाहिद ने हंगामा शुरू कर दिया और उसने डॉक्टर रजत को चांटा भी मारत दिया। उसे लगाई गई सलाइन की नली और दवाईंय निकालकर फेंक दी और सीरिंज मुंह में रखी ली। आखिरकार गार्ड और स्टॉफ ने उसके हाथ पैर बांधकर इलाज किया।
    3 अक्टूबर 2012 को लखनऊ के माल थाना क्षेत्र में अवैध संबंधों का आरोप लगाकर एक पति ने अपनी पत्नी के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। उसने अपनी पत्नी को बल्ली से उल्टा लटकाकर जमकर पीटा फिर अपने भाईयों के साथ मिलकर उसके प्राइवेट पार्ट में मिर्च रगड़ दी। ये लोग महिला के बाल काटकर उसे मारने की तैयारी में थे कि महिला ने अपनी सूझबूझ से किसी तरह अपनी जान बचाई। उसके पति शिवकुमार अऔर बच्चों के साथ के डोरा गंवा में रहते हैं। शिवकुमार उसका भाई रामू और शिवबरन अवैध कच्ची शराब बनाकर बेचते हैं.त इसी को लेकर उसे और शिवकुमार में विरोध था। काफी कोशिश के बाद जब शिवकुमार ने धंधा बंद नहीं किया तो तो वह अपने मायके चली गई। यहां से 27 सिंतबर को वह बहनोई पप्पू के साथ फिर से ससुराल लौट आई। बुधवार 3 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे उसका शिवकुमार से विवाद हो गया। इस दौरान शुवकुमार ने असुदामा पर आरोप लगाया कि उसका मायके में कई लोगों से अवैध संबंध रहे हैं। शिवकुमार ने अपने चारों बच्चों को गांव में ही अपने पुराने घर छोड़ आया। घर में ही टीन सेड़ के पास से बल्ली से उल्टी लटका दिया और मारने लगा। इस दौरान शिवकुमार ने दोनों भाई रामू और शिवबरन भी आ गए। इन तीनों ने मिलकर उसके प्राइवेट पार्ट में मिर्च रगड़ी और कहने लगे कि इसके बाल काटकर हत्या कर लाश नहर में फेंक देंगे ताकि बाल नहीं होने से पुलिस को पतना नहीं चलेगा। इसी दौरान शराब खरीदने केल िए एक शख्स घर आ गया। शिव कुमार अऔर दोनों भाई उससे मिलने के लिए बाहर चले गए तभी वह मौका देखर भाग निकली। यहां से वह पड़ोस में बुधाई के घर पहुंची जहां बुधाई ने उसके हाथ में बंधी रस्सी खोली तबी शिवकुमार वहां भी आ धमका और उसने मारपीट शुरू कर द. आखिरकार पड़ोसियों ने शिवकुमार का विरोध किया और सुदामा को गांव में ही रहने वाले उसेक मौसा के घर भेज दिया।
    इंदौर में घटी एक खौफनाक घटना ने लोगों को सबसे ज्यादा हैत में डाल दिया। यहां एक शंकालु पति ने अमानवीयता की सारी हदें पार करते हुए पत्नी के गुप्तांगों पर ताला लगा दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब महिला ने तंग आकर जहर खा लिया। अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच की तो उनके होश उड़ गए और तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी पति को हिरास में लिया और पूंछताछ की तो सारी बातें खुली।  पड़ताल करने पर पता चला कि रोमा (बदला हुआ नाम) का पति शंकालु प्रवृत्ति का है। उसने करीब चार साल पहले अमानवीय तरीका अपनाते हुए रोमा के गुप्तांग में छेदकर ताला लगा दिया। वह सुबह काम पर जाता तो ताला लगा जाता और शाम को लौटने पर ताला खोलता। मरने से पहले रोमा ने बताया सोहन भांग व गांजे का नशा करता है। वह चाहता है कि मैं भी उसके साथ नशा करूं । जब मैं इंकार करती हूं तो वह पीटता है। उसके पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ा लड़का 20 साल का है। 14 साल की बेटी पर वह बुरी नीयत रखता है।
    नशा किस तरह इंसान को हैवान बना देता है यह देखने को मिला बड़वानी जिले के दवाना गांव में जहां एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उसने अपने नशेड़ी पति को शराब पीने के लिए पैसे नहीं दिए ते। हत्या भी इतने दर्दनाक तरीके से हुई कि सुने वालों का दिल दहल जाए। मां को बचाने आयी बेटी को भई पिता मारने दौड़ा। जान बचाकर वह जंगल में भाग गई। दूसरे दिन बेटी ने पुलिस में रिपोर्ट लिकाई। 31 मार्च को जिला मुख्यालय से करीब 41 किलोमीटर दूर दवाना के तलाई पुरा मोहल्ले में मजदूरी करने वाले सुरेश गल्लू ने 38 बर्षीय पत्नी सुमनबाई को लकड़ी, पत्थर एवं ईंट मार के हत्या कर दी। इतना ही नहीं उसने पत्नी के गुप्तांगों पर भी लकड़ी से वार किया। सिर एवं गुप्तांग से खून नकिलता देख घबराई बेटी काजल (12) मां को बचाने दौड़ी। मां को बचाने आई बेटी को पिता मारने दौड़ा। खुद को बचाने के लिए काजल जंगल की ओर भाग गई। रात भर जंगल में बिताने के बाद अगल दिन सुबर घर पहुंच। घर में मां का शव देखर वह गांव में ही रहने वाले अपने मामले दावा के घर गई और पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी। 
    8 फरवरी को रायपुर के कोरबा में एक व्यक्ति को उसका गुप्तांग कटने पर जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। पति ने जहां पत्नी पर बंधक बनाकर यह कृत्य करने का आरोप लगाया है तो पत्नी ने धोखे से यह घटना होने की बात कही। मूलत: झारसुगड़ा निवासी सुरेश उरांव (३५) पिता लालू उरांव पिछले ५-६ साल से कुसमुंडा थाना अंतर्गत इमलीछार के लक्ष्मणनाला बस्ती में निवासरत है। कोलवासरी में ड्राइवर का काम करने वाले सुरेश को जिला अस्पताल में दाखिला कराया गया। वह गुप्तांग कटने से गंभीर हालत में था। सुरेश ने घटना के संबंध में जो जानकारी दी वह काफी चौंकाने में रहने वाली है। उसने बताया कि वह शांतिनगर में रहने वाले अपने साथी अनिल उरांव के घर गया था। जहां उन दोनों ने शराब पी। नशा चढऩे पर वह रात मेें वहीं सो गया। अगली सुबह वह अपने घर पहुंचा। उस समय भी वह नशे में था पत्नी शकुंतलाबाई ने रात को घर में नहीं रहने की बात कहते हुए उससे विवाद किया। कुछ देर बाद यह मामला शांत हो गया। बाद में मजाक-मजाक  में पत्नी ने कपड़े से उसके दोनों हाथ-पैर बांध दिए। वह कुछ  समझ पाता इससे पहले पत्नी ने चाकू से उसके गुप्तांग पर हमला कर उसे काट दिया। वह जब चीखने- चिलाने लगा तो पत्नी वहां से भाग  गई । इस दौरान पड़ोसी वहां पहुंचे। उन्होंने १०८ को सूचना देकर सुरेश को अस्पताल भिजवाया।
    १० फरवरी को इंदौर के पास बेटमा-देपालपुर रोड पर बेटमा से करीब १२ किमी दूर दौलताबाद गांव (फाटे से अंदर की ओर ) में एक युवक का चेहरा जला शव बरामद हुआ। कटे लिंग के आधार पर मामला अवैध संबंधो में हत्या का बताया जा रहा था। पुलिस ने दाहिने हाथ पर अंकित नाम संजय खत्री एसएस के आधार पर तहकीकात की। प्रथम दृष्टया मामला अवैध संंबंध को लेकर हत्या होना पाया गया है। इसका कारण मृतक का लिंग कटा पाया गया है। बाद में छानबीन के बाद पता चला कि संजय की हरकतें खराब थीं। जिसपर इसकी नजर पड़ती उसे वह अपना बनाने की कोशिश करता। उसकी वजह से क्षेत्र में किसी की भी बहू-बेटीयां सुरक्षित नहीं थी। जब मन होता वह किसी के भी घर में घुस जाता और धौंस जमाकर मनमर्जी करता । गुंडे का तमगा इसके सिर ऐसा लगा था कि दिनो-दिन वह और ज्यादा वहशी होता जा रहा था। यह बात बेटमा में हुए भयानक हत्याकांड को अंजाम देने वाले गिरफ्तार तीन आरोपियों ने पुलिस को बताई। उन्होंने बताया कि हत्याकांड का शिकार गुंडा देपालपुर क्षैत्र की बहू- बेटियों के लिए खतरा बन गया था।आए दिन वह घरो में घुसता और महिलाओं की इज्जत पर हाथ डालता था। इन तीनों ने गुंडे की इन आदतों से परेशान होकर उसे सबक सिखाने की ठानी थी। उन्हेे वह मौका जल्द ही मिला और उन्होंने गुंडे के एक महिला के घर में घुसते ही उस पर पीछे से वार करते हुए उसका गला घोंट दिया इसके बाद उसका गला घोंट कर हत्या कर दी, इसके बाद उसका गुप्तांक काट लिया।
 इंदौर के जाने माने मनोचिकित्सक डॉ भास्कर प्रसाद और आपराधिक मनोविज्ञान के एक्सपर्ट प्रोफेसर जीएस वाजपेयी कहते हैं कि देशभर के अलग-अलग शहरों के इन भयानक कृत्यों को सुनने के बाद कोई भी कह सकता है कि यह विकृत मानसिकता का परिचायक है। इस तरह के लोगों को समाज में रहने का अधिकार नहीं है। ये वे लोग है जो जीवन से असंतुष्ट हैं। इसलिए रेप या गैंगरेप जैसी घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी इन्हें सुकुन नहीं मिलता है और ये इस तरह की घटनाएं कर बैठते हैं। प्राइवेट पार्ट में ताला लगाना, मिर्च या कंकड पत्थर डालना, प्राइवेट पार्ट काट लेना ये कोई सामान्य घटना नहीं है। ये बहुत ही गंभीर मामला है। इस तरह के लोगों को तत्काल प्रभाव से समाज से दूर कर दिया जाना चाहिए।
    मैं स्वयं अपराधशास्त्र और न्यायिक विज्ञान का छात्र रहा हूं। कई साल अपराध और अपराधियों का अध्ययन करने के बाद इस मामले में मेरे हिसाब से रेप या गैंगरेप से भी भयानक कृत्य करने वाले अपराधी असामान्य होते हैं। ये लोग वियांड द लाइन अपराध करते हैं। इसके पीछे तीन कारण मुख्य होते हैं। ऐलीमेंट ऑफ सेडीज्म, एलीमेंट ऑफ डिप्राइवेशन और एलीमेंट ऑफ फ्रस्टेशन या डिप्रेशन। इन तीनों फेक्टर से प्रभावित लोग ही इस तरह के कृत्यों को अंजाम देते हैं। यह गंभीर रूप के विकृत मानसिकता का परिचायक भी है। इस तरह के अपराधी समाज के लिए खतरा है। इनके मन में हमेशा यह होता है कि वे हटकर क्या कर सकते हैं उसी में इन्हें संतुष्टी मिलती है। ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे रखना ही उचित


है। इस तरह के अपराधियों का गंभीर से गंभीर दंड मिलना चाहिए ताकि इसी तरह की मानसिकता रखने वाले अन्य अपराधी इन घटनाओं का अंजाम न दें। प्राइवेट पार्ट में ताला लगाना, कंकट -पत्थर डालना, प्राइवेट पार्ट काट लेना ये इस तरह के दिल दहला देने वाले मामले हैं जो न कभी देखे गए और न सुने गए। संविधान में इसके लिए कुछ बदलावों की जरूरत है। जब कोई घटना होती है, तो उसके लिए प्रदर्शन शुरू हो जाते हैं और कुछ ही दिन में यह शांत भी हो जाते हैं। देशभर के कई इलाकों में रोज इस तरह के वाकये आम होते जा रहे हैं। यह बहुत चिंता ही की बात है। विकृत मानसिकता से ग्रस्त अपराधियों के लिए कानून में अधिक कड़े प्रावधानों की जरूरत है। इस तरह के अपराधियों को फांसी की सजा के बाद माफी की अर्जी लगाने तक की अनुमति नहीं होना चाहिए।

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