भारत दर्शन: तेक्कड़ी (केरल)

केरल यात्रा भाग – 1 (तेक्केडी)  अविनाश रावत
"गॉड्स ओन कंट्री" यानी केरल वक़्त की मोहताज नहीं है पर्यटक यहां कभी भी आ सकते हैं और यहां की खूबसूरती और प्रकृति को निहार सकते हैं। पर्यटन के मामले में केरल का जिक्र दुनिया के चुनिंदा डेस्टिनेशन में होता है। केरल की खूबसूरती को देखकर कहा जा सकता है कि अगर कश्मीर के बाद धरती पर किसी को स्वर्ग का दर्जा दिया जा सकता है तो वो यही स्थान है। अगर केरल के सबसे लोकप्रिय और खूबसूरत डेस्टिनेशन के चुनाव की बात हो तो ये अपने आप में एक मुश्किल और बेहद टेड़ा सवाल होगा क्योंकि केरल में कोई ऐसा स्थान ही नहीं है जो दूसरे वाले स्थान से उन्नीस हो। अपनी केरल यात्रा को ब्लॉग के माध्यम से संजोने के साथ ही केरल के कुछ खास स्थानों के बारे में बता रहा हूं।

कुछ दिनों पहले केरल जाना हुआ। केरल स्थित तेक्केडी दुनिया भर में विश्व प्रसिद्ध पेरियार वन्यजीव अभयारण्य के रूप में जाना जाता है। फेरी में बैठकर इस अभ्यारण्य को अनुभव वाकई रोमांचकारी है। केरल और तमिलनाडु दोनों राज्यों से यहां तक पहुंचने के लिए उत्कृष्ट सड़क मार्ग है। यहां से मदुरै, कम्बम, कोच्चि करीब 165 किमी, कोट्टायम करीब 120 किमी, एर्नाकुललम और तिरुवनंतपुरम 250 किमी दूरी पर है। घने सदाबहार वनों से आच्छादित तेक्केडी अभयारण्य विविध रोमांचक वन्य जीवों यथा हाथी, सांभर, बाघ, जंगली सूअर, शेर पूंछ मकाक, नीलगिरि तहर, मालाबार विशालकाय गिलहरी और नीलगिरि लंगूर का बसेरा है। 1978 में पेरियार वन्यजीव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया तथा यह इलाका पर्यावरणीय पर्यटन आधारित समुदाय पर केंद्रित कई परियोजनाओं का साक्षी रहा है। पेरियार नदी पर निर्मित एक कृत्रिम झील से घिरा हुआ है। नौका विहार करते हुए झील में आनंद लेते हाथी झुंडों को देखने के लिए यह उत्तम स्थान है।  तेक्केडी का वन्यजीव अभयारण्य प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस क्षेत्र में पायी जाने वाली विविध वनस्पति एवं वन्यजीव इस क्षेत्र के आकर्षण को और अधिक बढ़ा देते हैं। तेक्केडी का अनोखा भौगोलिक ढ़ांचा तथा पारिस्थितिकी संरचना इसे अन्य हिल स्टेशनों और अभयारण्यों से अलग करती है। इस पहाड़ी इलाके में सुन्दर प्राकर्तिक परिदृश्य व बागानों के विस्तार हैं। मसाला बागानों से हवा में बहती खुशबू यात्रियों को पुनः ऊर्जान्वित कर देती है। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए पृष्ठभूमि में स्थिक घुमावदार पहाड़ियां आदर्श दृश्य प्रस्तुत करती हैं। चक्करदार पहाड़ी इलाके एवं लंबे ट्रैकिंग मार्ग, ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों को एक बेजोड़ अनुभव प्रदान करते हैं। इस क्षेत्र में लंबी पैदल यात्रा, वन्य जीवन ट्रेन, रॉक क्लाइम्बिंग और बांस राफ्टिंग जैसी मनोरंजन गतिविधियां सैलानियों को आकर्षित करती हैं।
तेक्केडी, केरल-तमिलनाडु की सीमा के करीब स्थित है इसलिए यहां एक खास संस्कृति एवं परंपरा दिखाई देती है। इसकी खास अवस्थिति केरल और तमिलनाडु दोनों से इस स्थान तक पहुँचना खास बना देता है।
तेक्केडी में अनेक रोमांचकारी पर्यटन स्थल और साहसिक क्रियाओं के विकल्प मौजूद हैं। वन्यजीव अभयारण्य के अलावा, यह स्थान अन्य आकर्षणों जैसे मरिक्केडि (अपने मसाले और कॉफी बागान के लिए प्रसिद्ध), इब्राहीम स्पाइस गार्डन, कदथंदन कलारी (विश्व प्रसिद्ध मार्शल आर्ट कलारी का एक केंद्र) तथा मंगला देवी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। वंडनमेडु पुरवा में स्थित प्लान्टेशन रिसॉर्ट प्रतिवर्ष लाखों आगंतुकों को आकर्षित करता है एवं यह दुनिया के सबसे बड़े इलायची उत्पादक के रूप में प्रसिद्ध है। तेक्केडी कई विदेशी मसालों का स्वर्ग है। यहां यात्रा के दौरान दालचीनी, मेथी, सफेद और हरी मिर्च, इलायची, जायफल, लौंग, स्टार सौंफ तथा धनिया जैसे कई प्रीमियम गुणवत्ता वाले मसालों की खरीद कर सकते हैं। यहां के रेस्तरां में केले के पत्तों में परोसकर परंपरागत रूप से तैयार व्यंजन मिलते हैं तथा केरल के प्रामाणिक भोजन का जायका यहां खाने वालों को निश्चित रूप से मंत्रमुग्ध कर देता हैं।

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